चिट्ठाजगत अपने मुखपृष्ठ पर हिन्दी चिट्ठासंसार की कुल पोस्टों की संख्या भी बताता है। आज ध्यान दिया कि एक बड़ा मील का पत्थर चुपचाप पीछे छूट गया है-
जी हॉं हिन्दी की पोस्टों की संख्या ने 100000 की संख्या को छू लिया है। एक लाख किसी में मायने में एक बड़ी संख्या है। उल्लेखनीय है कि चूंकि हर ब्लॉग पोस्ट एक स्वतंत्र यूआरएल होती हे तो तकनीकी तौर पर हर पोस्ट एक बेवपेज है। इस तरह एकलाख वेबपेज तो ब्लॉगजगत के ही हो गए। यदि हमारी एक पुरानी पोस्ट जो 11 सितम्बर 2007 को लिखी गई थी पर ध्यान दें तो पता चलता हे कि पिछले 10 महीने में चिट्ठों की संख्या साढ़े तीन गुना और पोस्टों संख्या पॉंच गुना बढ़ गई है। तब का स्क्रीनशॉट ये है-
यहॉं यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि ये ऑंकड़े केवल उन 3564 चिट्ठों के हैं जो चिट्ठाजगत में एग्रीगेट हो रहे हैं इनमें वे पोस्टें शामिल नहीं है जो किसी कारण चिट्ठाजगत में नहीं है। अत: वास्तविक हिन्दी पोस्ट संख्या निश्चय ही कहीं अधिक है।
एक मजेदार सवाल मेरे मन में ये था कि कौन सी थी 100000वीं पोस्ट?
9 comments:
आपका सवाल बढ़िया है, जब जवाब मिले तो जरूर बताना। सस्नेह
पता नहीँ क्यूँ दिल कहता है, यही रही होगी. किसी और ने क्लेम नहीँ किया तो हम कर लेते हैँ.
http://udantashtari.blogspot.com/2008/07/blog-post.html
चल जायेगा क्या??
समीर भाई हमारी थी जी ,वैसे आप कह रहे हो तो आपकी भी मान लेते है जी. हमसे ले पंगा है कोई ?
kamal hai in pahlyuo par apni najar nahi jati par chaliye aapki najar ki dad dete hai....
चिट्ठाजगत बता सकता है 100000वीं पोस्ट के बारे में।
हम भी जानना चाहेंगे जवाब।
नीलिमा, आप हमेशा कुछ अनोखा खोज कर लाती हैं। इस बार भी ऐसा ही । मज़ेदार है। शुक्रिया ।
'मेरी डायरी' ब्लाग पर आपकी टिपण्णी पढ़ी. आप आतंकवाद पर अपनी राय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं. पर दिल्ली में जो लोग मरे उनके और उनके परिवार के लिए दो शब्द सहानुभूति के भी नहीं निकले आप लोगों की कलम से.
लिखना जारी रखें जवाब मिली क्या मिले तो बताईएगा?
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