रविजी ने दैनिक भास्कर की ये कटिंग भेजी है। रविकांत का यह लेख महिला ब्लॉगरों के संयुक्त प्रयासों पर आधारित है। स्थान, शब्दसीमा आदि के बंधन को ध्यान में रखें तो लेख हमें ठीक लगा। इस मायने में भी कि यह इससे पहले शायद किसी एक ही ब्लॉग पर आधारित लेख नहीं छपे थे। रविजी व रविकांत ओझा का पुन: शुक्रिया।
7 comments:
बधाई
mubaarak..
बहुत बहुत बधाई हो.
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आप हिन्दी में लिखती हैं. अच्छा लगता है. मेरी शुभकामनाऐं आपके साथ हैं इस निवेदन के साथ कि नये लोगों को जोड़ें, पुरानों को प्रोत्साहित करें-यही हिन्दी चिट्ठाजगत की सच्ची सेवा है.
एक नया हिन्दी चिट्ठा किसी नये व्यक्ति से भी शुरु करवायें और हिन्दी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें.
शुभकामनाऐं.
-समीर लाल
(उड़न तश्तरी)
बधाई
हमारी भी बधाई!
बधाई और शुभकामनाएं ।
अच्छा लगा पढ़कर .....आप सब को ढेरों शुभकामनाये.....
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